Top 49 Shree Suktam In Hindi 17251 Good Rating This Answer

You are looking for information, articles, knowledge about the topic nail salons open on sunday near me shree suktam in hindi on Google, you do not find the information you need! Here are the best content compiled and compiled by the toplist.charoenmotorcycles.com team, along with other related topics such as: shree suktam in hindi लक्ष्मी सूक्त PDF, श्री सूक्त के 16 मंत्र, sri suktam lyrics in sanskrit, shri suktam lyrics, shri suktam by anuradha, श्री सूक्त मराठी PDF, sri suktam lyrics in tamil, sri suktam lyrics telugu

श्री सूक्त के 16 मंत्र कौन से हैं?

सूर्यां हिरण्मयीं लक्ष्मीं जातवेदो म आ वह ।। 15- तां म आ वह जातवेदो लक्ष्मीमनपगामिनीम् । यस्यां हिरण्यं प्रभूतं गावो दास्योऽश्वान् विन्देयं पुरुषानहम् ।। 16– य: शुचि: प्रयतो भूत्वा जुहुयादाज्यमन्वहम् ।

श्री लक्ष्मी सूक्त का पाठ कैसे करें?

श्रीसूक्त का पाठ कैसे करें, जानिए…
  1. शुक्रवार की सुबह स्नान आदि करने के बाद साफ कपड़े पहनकर रेशमी लाल कपड़े पर माता लक्ष्मी की कमल पर बैठी मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें
  2. इसके बाद देवी लक्ष्मी को लाल फूल और पूजा की अन्य सामग्री जैसे- चंदन, अबीर, गुलाल, चावल आदि चढ़ाएं। …
  3. इसके बाद श्रीसूक्त का पाठ करें

श्री सूक्त का पाठ कितनी बार करना चाहिए?

आन्ध्र प्रदेश के तिरुमल वेंकटेश्वर मंदिर में ‘वेंकटेश्वर के तिरुमंजनम्’ के समय जो पञ्चसूक्तम का पाठ किया जाता है, उसमें श्रीसूक्तम भी सम्मिलित है। श्रीसूक्त ऋग्वेद का खिल सूक्त है जो ऋग्वेद के पांचवें मण्डल के अन्त में उपलब्ध होता है। सूक्त में मन्त्रों की संख्या पन्द्रह है। सोलहवें मन्त्र में फलश्रुति है।

श्री सूक्त मंत्र क्या है?

हरिः ॐ हिरण्यवर्णां हरिणीं सुवर्णरजतस्रजाम् । चन्द्रां हिरण्मयीं लक्ष्मीं जातवेदो म आवह ॥1॥ तां म आवह जातवेदो लक्ष्मीमनपगामिनीम् । यस्यां हिरण्यं विन्देयं गामश्वं पुरुषानहम् ॥

श्री सूक्त का पाठ करने से क्या फल मिलता है?

जो नियमित रूप से श्रीसूक्त का पाठ करता है माता लक्ष्मी उस पर सदैन प्रसन्न रहती है और गरीबी को दूर करके धन, सम्पत्ति और वैभव प्रदान करती है। श्री सूक्त के मंगलकारी मंत्रों का पाठ लक्ष्मी प्रप्ति के लिए अत्यन्त शुभ माना जाता है। शुक्रवार के दिन माता लक्ष्मी को अनार का भोग अर्पित कर श्री सूक्त का पाठ करना चाहिए।

श्री सूक्त पाठ में कितने श्लोक हैं?

श्री सूक्त में 16 श्लोक हैं

लक्ष्मी सूक्त का पाठ करने से क्या होता है?

– इस लक्ष्मी सूक्त का पाठ करने से व्यक्ति श्री, तेज, आयु, स्वास्थ्य से युक्त होकर शोभायमान रहता है। वह धन-धान्य व पशु धन सम्पन्न, पुत्रवान होकर दीर्घायु होता है। ॥ इति श्रीलक्ष्मी सूक्तम्‌ संपूर्णम्‌ ॥

मंत्र कैसे काम करते हैं?

मंत्र इस प्रकार विचार-ऊर्जा तरंगें बनाते हैं, और जीव मंत्र की ऊर्जा और आध्यात्मिक अपील के अनुरूप कंपन करता है। वैज्ञानिकों का कहना है कि जब किसी मंत्र का लयबद्ध जप किया जाता है, तो यह एक तंत्रिका-भाषाई प्रभाव पैदा करता है । ऐसा प्रभाव तब भी होता है जब मंत्र का अर्थ ज्ञात न हो।, Chants thus create thought-energy waves, and the organism vibrates in tune with the energy and spiritual appeal of a chant. Scientists say that when a mantra is chanted rhythmically, it creates a neuro-linguistic effect. Such an effect occurs even if the meaning of the mantra is not known.

श्रुति मंत्र क्या है?

श्रुति (संस्कृत: श्रुति, आईएएसटी: श्रुति, आईपीए: [ɕrʊtɪ]) का संस्कृत में अर्थ है ” जो सुना जाता है ” और हिंदू धर्म के केंद्रीय सिद्धांत वाले अधिकांश आधिकारिक, प्राचीन धार्मिक ग्रंथों के शरीर को संदर्भित करता है।, Shruti (Sanskrit: श्रुति, IAST: Śruti, IPA: [ɕrʊtɪ]) in Sanskrit means “that which is heard” and refers to the body of most authoritative, ancient religious texts comprising the central canon of Hinduism.

मंत्र कैसे बनते हैं?

मंत्रों की उत्पत्ति आदि ध्वनि ओम से हुई है जो सृष्टि की ध्वनि है । ज्ञान प्राप्त करने के लिए जिन ऋषियों या ऋषियों ने इन मंत्रों का दौरा किया और उनका पुनरीक्षण किया, उन्होंने इन मंत्रों के पीछे के विज्ञान का पता लगाया।, Mantras have their origin from the primordial sound OM which is the sound of creation. The sages or the seers who visited and revisited these mantras to gain in wisdom unearthed the science behind these mantras.


श्री सूक्त ( ऋग्वेद) Sri Suktam (A Vedic Hymn Addressed to Goddess Lakshmi)
श्री सूक्त ( ऋग्वेद) Sri Suktam (A Vedic Hymn Addressed to Goddess Lakshmi)


shree sukta path mantra in hindi | सुख समृद्धि और सफलता से भर जाता हैं जीवन श्री सूक्त के मंत्रों का दिवाली की रात में जप और हवन करने से | Patrika News

  • Article author: www.patrika.com
  • Reviews from users: 5305 ⭐ Ratings
  • Top rated: 4.9 ⭐
  • Lowest rated: 1 ⭐
  • Summary of article content: Articles about shree sukta path mantra in hindi | सुख समृद्धि और सफलता से भर जाता हैं जीवन श्री सूक्त के मंत्रों का दिवाली की रात में जप और हवन करने से | Patrika News Updating …
  • Most searched keywords: Whether you are looking for shree sukta path mantra in hindi | सुख समृद्धि और सफलता से भर जाता हैं जीवन श्री सूक्त के मंत्रों का दिवाली की रात में जप और हवन करने से | Patrika News Updating सुख समृद्धि और सफलता से भर जाता हैं जीवन श्री सूक्त के मंत्रों का दिवाली की रात में जप और हवन करने से | Dharma Karma News | Astrology and Spirituality News | Patrika News | Dharma Karma News | | Astrology and Spirituality News News
  • Table of Contents:
shree sukta path mantra in hindi | सुख समृद्धि और सफलता से भर जाता हैं जीवन श्री सूक्त के मंत्रों का दिवाली की रात में जप और हवन करने से | Patrika News
shree sukta path mantra in hindi | सुख समृद्धि और सफलता से भर जाता हैं जीवन श्री सूक्त के मंत्रों का दिवाली की रात में जप और हवन करने से | Patrika News

Read More

धन-संपत्ति के लिए हर शुक्रवार को करें देवी लक्ष्मी का ये 1 आसान उपाय | Do these easy remedy of Goddess Lakshmi every Friday for wealth KPI

  • Article author: hindi.asianetnews.com
  • Reviews from users: 11177 ⭐ Ratings
  • Top rated: 3.6 ⭐
  • Lowest rated: 1 ⭐
  • Summary of article content: Articles about धन-संपत्ति के लिए हर शुक्रवार को करें देवी लक्ष्मी का ये 1 आसान उपाय | Do these easy remedy of Goddess Lakshmi every Friday for wealth KPI Updating …
  • Most searched keywords: Whether you are looking for धन-संपत्ति के लिए हर शुक्रवार को करें देवी लक्ष्मी का ये 1 आसान उपाय | Do these easy remedy of Goddess Lakshmi every Friday for wealth KPI Updating धन-संपत्ति के लिए हर शुक्रवार को करें देवी लक्ष्मी का ये 1 आसान उपाय
    Do these easy remedy of Goddess Lakshmi every Friday for wealthastrology,jyotish,upay,dharmik upay,devi lakshmi,lakshmi puja,wealth,dhan labh,hindu tradition,hindu belief,hindu literature,dharm granth
  • Table of Contents:

RELATED STORIES

Recent Stories

Recent Videos

धन-संपत्ति के लिए हर शुक्रवार को करें देवी लक्ष्मी का ये 1 आसान उपाय | Do these easy remedy of Goddess Lakshmi every Friday for wealth KPI
धन-संपत्ति के लिए हर शुक्रवार को करें देवी लक्ष्मी का ये 1 आसान उपाय | Do these easy remedy of Goddess Lakshmi every Friday for wealth KPI

Read More

श्री सूक्त – विकिपीडिया

  • Article author: hi.wikipedia.org
  • Reviews from users: 27568 ⭐ Ratings
  • Top rated: 4.0 ⭐
  • Lowest rated: 1 ⭐
  • Summary of article content: Articles about श्री सूक्त – विकिपीडिया Updating …
  • Most searched keywords: Whether you are looking for श्री सूक्त – विकिपीडिया Updating
  • Table of Contents:

इन्हें भी देखें[संपादित करें]

बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]

नेविगेशन मेन्यू

श्री सूक्त - विकिपीडिया
श्री सूक्त – विकिपीडिया

Read More

लक्ष्मी जी को करना है प्रसन्न तो शुक्रवार को पढ़ें यह मंत्र, भर जाएगी आपकी तिजोरी – chant this mantra on friday to make goddess lakshmi happy

  • Article author: www.prabhasakshi.com
  • Reviews from users: 25654 ⭐ Ratings
  • Top rated: 4.1 ⭐
  • Lowest rated: 1 ⭐
  • Summary of article content: Articles about लक्ष्मी जी को करना है प्रसन्न तो शुक्रवार को पढ़ें यह मंत्र, भर जाएगी आपकी तिजोरी – chant this mantra on friday to make goddess lakshmi happy Updating …
  • Most searched keywords: Whether you are looking for लक्ष्मी जी को करना है प्रसन्न तो शुक्रवार को पढ़ें यह मंत्र, भर जाएगी आपकी तिजोरी – chant this mantra on friday to make goddess lakshmi happy Updating ऋग्वेद में कहा गया है कि विधि-विधान से श्री लक्ष्मी सूक्त का पाठ करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। माना जाता है कि शुक्रवार के दिन श्री लक्ष्मी सूक्त का पाठ करने से माता लक्ष्मी की कृपा सदैव बनी रहती है। इससे घर में सुख-समृद्धि बढ़ती है और गरीबी दूर होती है। hindu dharm, shri lakshmi sukt path, how to do shri lakshmi sukt path, shri lakshmi sukt path benefits, when to do shri lakshmi sukt path, lakshmi ma ko prasann karne ke upaay, हिन्दू धर्म, श्री लक्ष्मी सूक्त पाठ, श्री लक्ष्मी सूक्त पाठ कब करें, श्री लक्ष्मी सूक्त पाठ कैसे करें, श्री लक्ष्मी सूक्त पाठ विधि, श्री लक्ष्मी सूक्त पाठ लाभ, religion, latest news in hindi, हिंदी न्यूज़
  • Table of Contents:

लाइव अपडेट

स्पेशल रिपोर्ट

ट्रेंडिंग

लाइफ & साइंस

नजरिया

स्तंभ

लेटेस्ट न्यूज़

कार्टून

लक्ष्मी जी को करना है प्रसन्न तो शुक्रवार को पढ़ें यह मंत्र, भर जाएगी आपकी तिजोरी - chant this mantra on friday to make goddess lakshmi happy
लक्ष्मी जी को करना है प्रसन्न तो शुक्रवार को पढ़ें यह मंत्र, भर जाएगी आपकी तिजोरी – chant this mantra on friday to make goddess lakshmi happy

Read More

shree sukta path mantra in hindi | सुख समृद्धि और सफलता से भर जाता हैं जीवन श्री सूक्त के मंत्रों का दिवाली की रात में जप और हवन करने से | Patrika News

  • Article author: www.patrika.com
  • Reviews from users: 9192 ⭐ Ratings
  • Top rated: 4.4 ⭐
  • Lowest rated: 1 ⭐
  • Summary of article content: Articles about shree sukta path mantra in hindi | सुख समृद्धि और सफलता से भर जाता हैं जीवन श्री सूक्त के मंत्रों का दिवाली की रात में जप और हवन करने से | Patrika News … पाठ और मंत्रों से जप करता है उसकी इच्छाएं पूरी होकर ही रहती हैं । shree sukta path … …
  • Most searched keywords: Whether you are looking for shree sukta path mantra in hindi | सुख समृद्धि और सफलता से भर जाता हैं जीवन श्री सूक्त के मंत्रों का दिवाली की रात में जप और हवन करने से | Patrika News … पाठ और मंत्रों से जप करता है उसकी इच्छाएं पूरी होकर ही रहती हैं । shree sukta path … सुख समृद्धि और सफलता से भर जाता हैं जीवन श्री सूक्त के मंत्रों का दिवाली की रात में जप और हवन करने से | Dharma Karma News | Astrology and Spirituality News | Patrika News | Dharma Karma News | | Astrology and Spirituality News News
  • Table of Contents:
shree sukta path mantra in hindi | सुख समृद्धि और सफलता से भर जाता हैं जीवन श्री सूक्त के मंत्रों का दिवाली की रात में जप और हवन करने से | Patrika News
shree sukta path mantra in hindi | सुख समृद्धि और सफलता से भर जाता हैं जीवन श्री सूक्त के मंत्रों का दिवाली की रात में जप और हवन करने से | Patrika News

Read More

पढ़ें श्री लक्ष्मी सूक्त हिन्दी अनुवाद के साथ – Maha Lakshmi Suktam | Webdunia Hindi

  • Article author: hindi.webdunia.com
  • Reviews from users: 27028 ⭐ Ratings
  • Top rated: 4.9 ⭐
  • Lowest rated: 1 ⭐
  • Summary of article content: Articles about पढ़ें श्री लक्ष्मी सूक्त हिन्दी अनुवाद के साथ – Maha Lakshmi Suktam | Webdunia Hindi काम, क्रोध, लोभ वृत्ति से मुक्ति प्राप्त कर धन, धान्य, सुख, ऐश्वर्य की प्राप्ति के लिए … …
  • Most searched keywords: Whether you are looking for पढ़ें श्री लक्ष्मी सूक्त हिन्दी अनुवाद के साथ – Maha Lakshmi Suktam | Webdunia Hindi काम, क्रोध, लोभ वृत्ति से मुक्ति प्राप्त कर धन, धान्य, सुख, ऐश्वर्य की प्राप्ति के लिए … काम, क्रोध, लोभ वृत्ति से मुक्ति प्राप्त कर धन, धान्य, सुख, ऐश्वर्य की प्राप्ति के लिए उपयोगी स्तोत्र है। यहां इस सूक्त को हिन्दी में अनुवाद सहित दिया जा रहा है। – Maha Lakshmi SuktamMaha Lakshmi Suktam, श्री लक्ष्मी सूक्त, laxmi suktam in hindi, श्री लक्ष्मी सूक्त हिन्दी अनुवाद, Sri Suktam, श्री लक्ष्मीसूक्तम्‌ पाठ, धन, धान्य, सुख, ऐश्वर्य, हिन्दी में अनुवाद
  • Table of Contents:
पढ़ें श्री लक्ष्मी सूक्त हिन्दी अनुवाद के साथ - Maha Lakshmi Suktam | Webdunia Hindi
पढ़ें श्री लक्ष्मी सूक्त हिन्दी अनुवाद के साथ – Maha Lakshmi Suktam | Webdunia Hindi

Read More

Shri Suktam in Sanskrit, Hindi श्री सूक्त अर्थ सहित

  • Article author: www.thehinduprayer.xyz
  • Reviews from users: 23856 ⭐ Ratings
  • Top rated: 4.4 ⭐
  • Lowest rated: 1 ⭐
  • Summary of article content: Articles about Shri Suktam in Sanskrit, Hindi श्री सूक्त अर्थ सहित Shri Suktam in hindi – · १। तां म आवह जातवेदो लक्ष्मीमनपगामिनीम। · २। अश्वपूर्वां रथमध्यां … …
  • Most searched keywords: Whether you are looking for Shri Suktam in Sanskrit, Hindi श्री सूक्त अर्थ सहित Shri Suktam in hindi – · १। तां म आवह जातवेदो लक्ष्मीमनपगामिनीम। · २। अश्वपूर्वां रथमध्यां … Shri Suktam lyrics in Hindi with Meaning. Shri Suktam is a stotra for Goddess Lakshmi. It is written by…
  • Table of Contents:
Shri Suktam in Sanskrit, Hindi श्री सूक्त अर्थ सहित
Shri Suktam in Sanskrit, Hindi श्री सूक्त अर्थ सहित

Read More

श्री सूक्त का पाठ कैसे करे ? सूक्त हिंदी अनुवाद सहित | Shri Suktam with hindi meaning | – karmkandbyanandpathak

  • Article author: www.karmkandbyanandpathak.com
  • Reviews from users: 38439 ⭐ Ratings
  • Top rated: 3.5 ⭐
  • Lowest rated: 1 ⭐
  • Summary of article content: Articles about
    श्री सूक्त का पाठ कैसे करे ? सूक्त हिंदी अनुवाद सहित | Shri Suktam with hindi meaning | – karmkandbyanandpathak
    यह विधान अनुसार करने के बाद अपार लक्ष्मी की प्राप्ति होती है || Shri Suktam With Hindi Meaning || … …
  • Most searched keywords: Whether you are looking for
    श्री सूक्त का पाठ कैसे करे ? सूक्त हिंदी अनुवाद सहित | Shri Suktam with hindi meaning | – karmkandbyanandpathak
    यह विधान अनुसार करने के बाद अपार लक्ष्मी की प्राप्ति होती है || Shri Suktam With Hindi Meaning || … My blog is about karmkand vidhi,Mantra,katha,puja,paath,karmkandvidhi,ved,Puran,Jyotish,Vastushastra,Upay,Totke,Tantra,Yantra,Adhyatmik,totke,upay.
  • Table of Contents:

Social Widget

About Me

Labels

Blog Archive

Recent

Total Pageviews

Recent

Popular

Subscribe Us

Facebook

Popular Posts

Comments

Contact Form


श्री सूक्त का पाठ कैसे करे ?  सूक्त हिंदी अनुवाद सहित | Shri Suktam with hindi meaning |  - karmkandbyanandpathak
श्री सूक्त का पाठ कैसे करे ? सूक्त हिंदी अनुवाद सहित | Shri Suktam with hindi meaning | – karmkandbyanandpathak

Read More

[PDF] श्री सूक्त पाठ | Sri Suktam PDF Download in Hindi – PDFfile

  • Article author: pdffile.co.in
  • Reviews from users: 609 ⭐ Ratings
  • Top rated: 3.7 ⭐
  • Lowest rated: 1 ⭐
  • Summary of article content: Articles about [PDF] श्री सूक्त पाठ | Sri Suktam PDF Download in Hindi – PDFfile श्री सूक्त पाठ | Sri Suktam in Hindi PDF download link is given at the bottom of this article. You can direct download PDF of … …
  • Most searched keywords: Whether you are looking for [PDF] श्री सूक्त पाठ | Sri Suktam PDF Download in Hindi – PDFfile श्री सूक्त पाठ | Sri Suktam in Hindi PDF download link is given at the bottom of this article. You can direct download PDF of …
  • Table of Contents:

श्री सूक्त पाठ Sri Suktam Hindi PDF Download

श्री सूक्त पाठ Sri Suktam Hindi PDF Summary

[PDF] श्री सूक्त पाठ | Sri Suktam PDF Download in Hindi – PDFfile
[PDF] श्री सूक्त पाठ | Sri Suktam PDF Download in Hindi – PDFfile

Read More


See more articles in the same category here: 999+ tips for you.

सुख समृद्धि और सफलता से भर जाता हैं जीवन श्री सूक्त के मंत्रों का दिवाली की रात में जप और हवन करने से

श्री-सूक्त में पन्द्रह ऋचाएं हैं, माहात्म्य सहित सोलह ऋचाएं मानी गयी हैं क्योंकि किसी भी स्तोत्र का बिना माहात्म्य के पाठ करने से फल प्राप्ति नहीं होती । नीचे दिये श्री सूक्त के मंत्रों से ऋग्वेद के अनुसार दिवाली की रात में 11 बजे से लेकर 1 बजे के बीच- 108 कमल के पुष्प या 108 कमल गट्टे के दाने को गाय के घी में डूबाकर बेलपत्र, पलाश एवं आम की समिधायों से प्रज्वलित यज्ञ में आहुति देने एवं श्रद्धापूर्वक लक्ष्मी जी का षोडषोपचार पूजन करने से व्यक्ति वर्तमान से लकेर आने वाले सात जन्मों तक निर्धन नहीं हो सकता हैं ।

पद्मानने पद्मविपद्मपत्रे पद्मप्रिये पद्मदलायताक्षि ।

विश्वप्रिये विष्णुमनोऽनुकूले त्वत्पादपद्मं मयि सं नि धत्स्व ।।

अर्थात- कमल के समान मुख वाली! कमलदल पर अपने चरणकमल रखने वाली! कमल में प्रीती रखने वाली! कमलदल के समान विशाल नेत्रों वाली! सारे संसार के लिए प्रिय! भगवान विष्णु के मन के अनुकूल आचरण करने वाली! आप अपने चरणकमल को मेरे हृदय में स्थापित करें ।

।। अथ श्री-सूक्त मंत्र पाठ ।। 1- ॐ हिरण्यवर्णां हरिणीं, सुवर्णरजतस्त्रजाम् ।

चन्द्रां हिरण्मयीं लक्ष्मीं, जातवेदो म आ वह ।। 2- तां म आ वह जातवेदो, लक्ष्मीमनपगामिनीम् ।

यस्यां हिरण्यं विन्देयं, गामश्वं पुरूषानहम् ।।

3- अश्वपूर्वां रथमध्यां, हस्तिनादप्रमोदिनीम् ।

श्रियं देवीमुप ह्वये, श्रीर्मा देवी जुषताम् ।। 4- कां सोस्मितां हिरण्यप्राकारामार्द्रां ज्वलन्तीं तृप्तां तर्पयन्तीम् ।

पद्मेस्थितां पद्मवर्णां तामिहोप ह्वये श्रियम् ।। 5- चन्द्रां प्रभासां यशसा ज्वलन्तीं श्रियं लोके देवजुष्टामुदाराम् ।

तां पद्मिनीमीं शरणं प्र पद्ये अलक्ष्मीर्मे नश्यतां त्वां वृणे ।।

6- आदित्यवर्णे तपसोऽधि जातो वनस्पतिस्तव वृक्षोऽक्ष बिल्वः ।

तस्य फलानि तपसा नुदन्तु या अन्तरा याश्च बाह्या अलक्ष्मीः ।। 7- उपैतु मां दैवसखः, कीर्तिश्च मणिना सह ।

प्रादुर्भूतोऽस्मि राष्ट्रेऽस्मिन्, कीर्तिमृद्धिं ददातु मे ।। 8- क्षुत्पिपासामलां ज्येष्ठामलक्ष्मीं नाशयाम्यहम् ।

अभूतिमसमृद्धिं च, सर्वां निर्णुद मे गृहात् ।।

9- गन्धद्वारां दुराधर्षां, नित्यपुष्टां करीषिणीम् ।

ईश्वरीं सर्वभूतानां, तामिहोप ह्वये श्रियम् ।। 10- मनसः काममाकूतिं, वाचः सत्यमशीमहि ।

पशूनां रूपमन्नस्य, मयि श्रीः श्रयतां यशः ।। 11- कर्दमेन प्रजा भूता मयि सम्भव कर्दम ।

श्रियं वासय मे कुले मातरं पद्ममालिनीम् ।।

12- आपः सृजन्तु स्निग्धानि चिक्लीत वस मे गृहे ।

नि च देवीं मातरं श्रियं वासय मे कुले ।। 13- आर्द्रां पुष्करिणीं पुष्टिं पिंगलां पद्ममालिनीम् ।

चन्द्रां हिरण्मयीं लक्ष्मीं, जातवेदो म आ वह ।। 14- आर्द्रां य करिणीं यष्टिं सुवर्णां हेममालिनीम् ।

सूर्यां हिरण्मयीं लक्ष्मीं जातवेदो म आ वह ।।

श्री सूक्त

श्री सूक्तम् देवी लक्ष्मी की आराधना करने हेतु उनको समर्पित मंत्र हैं। इसे ‘लक्ष्मी सूक्तम्’ भी कहते हैं। यह सूक्त, ऋग्वेद के खिलानि के अन्तर्गत आता है। इस सूक्त का पाठ धन-धान्य की अधिष्ठात्री, देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्ति के लिए किया जाता है।

आन्ध्र प्रदेश के तिरुमल वेंकटेश्वर मंदिर में ‘वेंकटेश्वर के तिरुमंजनम्’ के समय जो पञ्चसूक्तम का पाठ किया जाता है, उसमें श्रीसूक्तम भी सम्मिलित है।

श्रीसूक्त ऋग्वेद का खिल सूक्त है जो ऋग्वेद के पांचवें मण्डल के अन्त में उपलब्ध होता है। सूक्त में मन्त्रों की संख्या पन्द्रह है। सोलहवें मन्त्र में फलश्रुति है। बाद में ग्यारह मन्त्र परिशिष्ट के रूप में उपलब्ध होते हैं। इनको ‘लक्ष्मीसूक्त’ के नाम से स्मरण किया जाता है।

आनन्द, कर्दम, श्रीद और चिक्लीत ये चार श्रीसूक्त के ऋषि हैं। इन चारों को श्री का पुत्र बताया गया है। श्रीपुत्र हिरण्यगर्भ को भी श्रीसूक्त का ऋषि माना जाता है।

श्रीसूक्त का चौथा मन्त्र बृहती छन्द में है। पांचवाँ और छटा मन्त्र त्रिष्टुप छन्द में है। अन्तिम मन्त्र का छन्द प्रस्तारपंक्ति है । शेष मन्त्र अनुष्टुप छन्द में है।

श्रीशब्दवाच्या लक्ष्मी इस सूक्त की देवता हैं।

श्रीसूक्त का विनियोग लक्ष्मी के आराधन, जप, होम आदि में किया जाता है। महर्षि बोधायन, वशिष्ठ आदि ने इसके विशेष प्रयोग बतलाये हैं । श्रीसूक्त की फलश्रुति में भी इस सूक्त के मन्त्रों का जप तथा इन मन्त्रों के द्वारा होम करने का निर्देश किया गया है।

आराधनाक्रम में श्रीसूक्त के पन्द्रह मन्त्रों का इस क्रम से विनियोग किया जाता है

१-आवाहन २-आसन ३-पाद्य ४-अर्घ्य ५-आचमन ६-स्नान ७-वस्त्र ८-भूषण ९-गन्ध १०-पुष्प ११-धूप १२-दीप १३-नैवेद्य १४-प्रदक्षिणा १५-उद्वासन

श्रीसूक्त के मन्त्रों का विषय इस प्रकार है

१-भगवान से लक्ष्मी को अभिमुख करने की प्रार्थना

२-भगवान् से लक्ष्मी को अभिमुख रखने की प्रार्थना

३-लक्ष्मी से सान्निध्य के लिये प्रार्थना

४-लक्ष्मी का आवाहन

५-लक्ष्मी की शरणागति एवं अलक्ष्मीनाश की प्रार्थना

६-अलक्ष्मी और उसके सहचारियों के नाश की प्रार्थना

७-माङ्गल्यप्राप्ति की प्रार्थना

८-अलक्ष्मी और उसके कार्यों का विवरण देकर उसके नाश की प्रार्थना

९-लक्ष्मी का आवाहन

१०-मन, वाणी आदि की अमोघता तथा समृद्धि की स्थिरता के लिये प्रार्थना

११-कर्दम प्रजापति से प्रार्थना

१२-लक्ष्मी के परिकर से प्रार्थना

१३- लक्ष्मी के नित्य सान्निध्य के लिये पुनः भगवान से प्रार्थना

१४-पुनः लक्ष्मी के नित्य सान्निध्य के लिये भगवान से प्रार्थना

१५-भगवान से लक्ष्मी के आभिमुख्य की प्रार्थना

१६-फलश्रुति

परिशिष्ट (लक्ष्मीसूक्त) के मन्त्रों के विषय हैं

१-सौख्य की याचना

२-समस्त कामनाओं की पूर्ति की याचना

३-सान्निध्य की याचना

४-समृद्धि के स्थायित्व के लिये प्रार्थना

५-देवताओं में लक्ष्मी के वैभव का विस्तार

६-सोम की याचना

७-मनोविकारों का निषेध

८-लक्ष्मी की प्रसन्नता के लिये प्रार्थना

९-लक्ष्मी की वन्दना

१०-लक्ष्मीगायत्री

११-अभ्युदय के लिये प्रार्थना

श्रीदेवी के नाम – श्रीसूक्त के १५ मन्त्रों में श्री लक्ष्मी के ये नाम मिलते हैं-

१-हिरण्यवर्णा, हरिणी, सुवर्णरजतस्रजा, चन्द्रा, हिरण्मयी, लक्ष्मी २-अनपगामिनी ३-अश्वपूर्वा, रथमध्या, हस्तिनादप्रयोधिनी, श्री, देवी ४- का, सोस्मिता, हिरण्यप्राकारा, आर्द्रा, ज्वलन्ती, तृप्ता, तर्पयन्ती, पद्मे स्थिता, पद्मवर्णा ५-प्रभासा, यशसा ज्वलन्ती, देवजुष्टा, उदारा, पद्मनेमि ६-आदित्यवर्णा ७-८ ९-गन्धद्वारा, दुराधर्षा, नित्यपुष्टा, करीषिणी, ईश्वरी १० ११-माता, पद्ममालिनी १२ १३-पुष्करिणी, यष्टि, पिङ्गला, १४-पुष्टि, सुवर्णा, हेममालिनी, सूर्या १५-१६

परिशिष्ट के ११ मन्त्रों में ये नाम और मिलते हैं

लक्ष्मी जी को करना है प्रसन्न तो शुक्रवार को पढ़ें यह मंत्र, भर जाएगी आपकी तिजोरी

ऋग्वेद में कहा गया है कि विधि-विधान से श्री लक्ष्मी सूक्त का पाठ करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। माना जाता है कि शुक्रवार के दिन श्री लक्ष्मी सूक्त का पाठ करने से माता लक्ष्मी की कृपा सदैव बनी रहती है। इससे घर में सुख-समृद्धि बढ़ती है और गरीबी दूर होती है।

शास्त्रों में माता लक्ष्मी को धन की देवी कहा जाता है। माना जाता है कि जिस व्यक्ति पर माँ लक्ष्मी की कृपा हो जाए उसके जीवन में सुख-समृद्धि की कभी कमी नहीं होती। शास्त्रों में भी माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के कई उपाय बताए गए हैं। ऋग्वेद में कहा गया है कि विधि-विधान से श्री लक्ष्मी सूक्त का पाठ करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। माना जाता है कि शुक्रवार के दिन श्री लक्ष्मी सूक्त का पाठ करने से माता लक्ष्मी की कृपा सदैव बनी रहती है। इससे घर में सुख-समृद्धि बढ़ती है और गरीबी दूर होती है। आज के इस लेख में हम आपको श्री लक्ष्मी सूक्त का पाठ करने की विधि बताने जा रहे हैं-

श्री लक्ष्मी सूक्त का पाठ करने की विधि

शुक्रवार के दिन स्नान आदि करने के बाद साफ कपड़े पहनें।

अब एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर माता लक्ष्मी की कमल पर बैठी मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें।

इसके बाद देवी लक्ष्मी को धूप, दीप, चंदन, अबीर, गुलाल, चावल और लाल फूल आदि चढ़ाएं। माता को खीर का भोग भी लगाएं।

इसके बाद श्रीसूक्त का पाठ करें। इसके बाद माता लक्ष्मी की आरती उतारें।

अगर हर शुक्रवार को इस विधि से देवी लक्ष्मी की पूजा न कर पाएं तो प्रत्येक महीने की अमावस्या और पूर्णिमा को भी यह उपाय करने से आपकी इच्छा पूरी हो सकती है।

अगर संस्कृत में पाठ न कर पा रहे हो तो हिंदी में धीरे-धीरे श्रीसूक्त का पाठ करें। मां लक्ष्मी का ध्यान करते रहें। दीपावली, नवरात्र में भी श्रीसूक्त का पाठ विधि-विधान से करना चाहिए।

श्री लक्ष्मी सूक्त का पाठ

हरिः ॐ हिरण्यवर्णां हरिणीं सुवर्णरजतस्रजाम् ।

चन्द्रां हिरण्मयीं लक्ष्मीं जातवेदो म आवह ॥1॥

तां म आवह जातवेदो लक्ष्मीमनपगामिनीम् ।

यस्यां हिरण्यं विन्देयं गामश्वं पुरुषानहम् ॥2॥

अश्वपूर्वां रथमध्यां हस्तिनादप्रबोधिनीम् ।

श्रियं देवीमुपह्वये श्रीर्मा देवी जुषताम् ॥3॥

कां सोस्मितां हिरण्यप्राकारामार्द्रां ज्वलन्तीं तृप्तां तर्पयन्तीम् ।

पद्मे स्थितां पद्मवर्णां तामिहोपह्वये श्रियम् ॥4॥

प्रभासां यशसा लोके देवजुष्टामुदाराम् ।

पद्मिनीमीं शरणमहं प्रपद्येऽलक्ष्मीर्मे नश्यतां त्वां वृणे ॥5॥

आदित्यवर्णे तपसोऽधिजातो वनस्पतिस्तव वृक्षोऽथ बिल्वः ।

तस्य फलानि तपसानुदन्तु मायान्तरायाश्च बाह्या अलक्ष्मीः ॥6॥

उपैतु मां देवसखः कीर्तिश्च मणिना सह ।

प्रादुर्भूतोऽस्मि राष्ट्रेऽस्मिन् कीर्तिमृद्धिं ददातु मे ॥7॥

क्षुत्पिपासामलां ज्येष्ठामलक्ष्मीं नाशयाम्यहम् ।

अभूतिमसमृद्धिं च सर्वां निर्णुद गृहात् ॥8॥

गन्धद्वारां दुराधर्षां नित्यपुष्टां करीषिणीम् ।

ईश्वरींग् सर्वभूतानां तामिहोपह्वये श्रियम् ॥9॥

मनसः काममाकूतिं वाचः सत्यमशीमहि ।

पशूनां रूपमन्नस्य मयि श्रीः श्रयतां यशः ॥10॥

कर्दमेन प्रजाभूता सम्भव कर्दम ।

श्रियं वासय मे कुले मातरं पद्ममालिनीम् ॥11॥

आपः सृजन्तु स्निग्धानि चिक्लीत वस गृहे ।

नि च देवी मातरं श्रियं वासय कुले ॥12॥

आर्द्रां पुष्करिणीं पुष्टिं पिङ्गलां पद्ममालिनीम् ।

चन्द्रां हिरण्मयीं लक्ष्मीं जातवेदो म आवह ॥13॥

आर्द्रां यः करिणीं यष्टिं सुवर्णां हेममालिनीम् ।

सूर्यां हिरण्मयीं लक्ष्मीं जातवेदो म आवह ॥14॥

तां म आवह जातवेदो लक्ष्मीमनपगामिनीम् ।

यस्यां हिरण्यं प्रभूतं गावो दास्योऽश्वान् विन्देयं पूरुषानहम् ॥15॥

यः शुचिः प्रयतो भूत्वा जुहुयादाज्यमन्वहम् ।

सूक्तं पञ्चदशर्चं च श्रीकामः सततं जपेत् ॥16॥

पद्मानने पद्म ऊरु पद्माक्षी पद्मासम्भवे ।

त्वं मां भजस्व पद्माक्षी येन सौख्यं लभाम्यहम् ॥17॥

अश्वदायि गोदायि धनदायि महाधने ।

धनं मे जुषताम् देवी सर्वकामांश्च देहि मे ॥18॥

पुत्रपौत्र धनं धान्यं हस्त्यश्वादिगवे रथम् ।

प्रजानां भवसि माता आयुष्मन्तं करोतु माम् ॥19॥

धनमग्निर्धनं वायुर्धनं सूर्यो धनं वसुः ।

धनमिन्द्रो बृहस्पतिर्वरुणं धनमश्नुते ॥20॥

वैनतेय सोमं पिब सोमं पिबतु वृत्रहा ।

सोमं धनस्य सोमिनो मह्यं ददातु ॥21॥

न क्रोधो न च मात्सर्य न लोभो नाशुभा मतिः ।

भवन्ति कृतपुण्यानां भक्तानां श्रीसूक्तं जपेत्सदा ॥22॥

वर्षन्तु ते विभावरि दिवो अभ्रस्य विद्युतः ।

रोहन्तु सर्वबीजान्यव ब्रह्म द्विषो जहि ॥23॥

पद्मप्रिये पद्म पद्महस्ते पद्मालये पद्मदलायताक्षि ।

विश्वप्रिये विष्णु मनोऽनुकूले त्वत्पादपद्मं मयि सन्निधत्स्व ॥24॥

या सा पद्मासनस्था विपुलकटितटी पद्मपत्रायताक्षी ।

गम्भीरा वर्तनाभिः स्तनभर नमिता शुभ्र वस्त्रोत्तरीया ॥25॥

लक्ष्मीर्दिव्यैर्गजेन्द्रैर्मणिगणखचितैस्स्नापिता हेमकुम्भैः ।

नित्यं सा पद्महस्ता मम वसतु गृहे सर्वमाङ्गल्ययुक्ता ॥26॥

लक्ष्मीं क्षीरसमुद्र राजतनयां श्रीरङ्गधामेश्वरीम् ।

दासीभूतसमस्त देव वनितां लोकैक दीपांकुराम् ॥27॥

श्रीमन्मन्दकटाक्षलब्ध विभव ब्रह्मेन्द्रगङ्गाधराम् ।

त्वां त्रैलोक्य कुटुम्बिनीं सरसिजां वन्दे मुकुन्दप्रियाम् ॥28॥

सिद्धलक्ष्मीर्मोक्षलक्ष्मीर्जयलक्ष्मीस्सरस्वती ।

श्रीलक्ष्मीर्वरलक्ष्मीश्च प्रसन्ना मम सर्वदा ॥29॥

वरांकुशौ पाशमभीतिमुद्रां करैर्वहन्तीं कमलासनस्थाम् ।

बालार्क कोटि प्रतिभां त्रिणेत्रां भजेहमाद्यां जगदीस्वरीं त्वाम् ॥30॥

सर्वमङ्गलमाङ्गल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके ।

शरण्ये त्र्यम्बके देवि नारायणि नमोऽस्तु ते ॥31॥

सरसिजनिलये सरोजहस्ते धवलतरांशुक गन्धमाल्यशोभे ।

भगवति हरिवल्लभे मनोज्ञे त्रिभुवनभूतिकरि प्रसीद मह्यम् ॥32॥

विष्णुपत्नीं क्षमां देवीं माधवीं माधवप्रियाम् ।

विष्णोः प्रियसखीं देवीं नमाम्यच्युतवल्लभाम् ॥33॥

महालक्ष्मी च विद्महे विष्णुपत्नीं च धीमहि ।

तन्नो लक्ष्मीः प्रचोदयात् ॥34॥

श्रीवर्चस्यमायुष्यमारोग्यमाविधात् पवमानं महियते ।

धनं धान्यं पशुं बहुपुत्रलाभं शतसंवत्सरं दीर्घमायुः ॥35॥

ऋणरोगादिदारिद्र्यपापक्षुदपमृत्यवः ।

भयशोकमनस्तापा नश्यन्तु मम सर्वदा ॥36॥

य एवं वेद ॐ महादेव्यै च विष्णुपत्नीं च धीमहि ।

तन्नो लक्ष्मीः प्रचोदयात् ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः ॥37॥

॥ इति श्रीलक्ष्मी सूक्तम्‌ संपूर्णम्‌ ॥

– प्रिया मिश्रा

So you have finished reading the shree suktam in hindi topic article, if you find this article useful, please share it. Thank you very much. See more: लक्ष्मी सूक्त PDF, श्री सूक्त के 16 मंत्र, sri suktam lyrics in sanskrit, shri suktam lyrics, shri suktam by anuradha, श्री सूक्त मराठी PDF, sri suktam lyrics in tamil, sri suktam lyrics telugu

Leave a Comment